इन 5 लोकगीतों के बिना अधूरा है पहाड़ी होली का त्योहार

झुकि आयो शहर में व्यौपारी। झुकि .. आहा ! इस ब्यौपारी को भूख बहुत है,  पुरिया पकै दे नथ-वाली ...

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होली गीत

जल कैसे भरूं जमुना गहरी। जल .. ठाड़े भरूं राजा राम देखत हैं, बैठी भरूं भीजे चुनरी ..

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होली गीत

रंग डारि दियो रे अल बेलिन में, रंग .. गये राम चन्द्र रंग लेने को गये, गये लछिमन रंग लेने को गये ..

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होली गीत

बलमा घर आये कौन दिना, सजना .. मेरे बलम के तीन शहर हैं, दिल्ली, आगरा और पटना ..

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होली गीत

होली खेल रहे नंदलाल मथुरा की कुंज गलीन में, मथुरा .. वो ग्वाल बाल संग आते गलियों में धूम मचाते, ऐसे नटखट दीनदयाल मथुरा की कुंज गलीन में ...

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होली गीत

बाकि गढ़वाली कुमाउनी होली के गीतों का भी आनंद लें