क्यों और कैसे मनाते हैं फूलदेई का त्यौहार

चैत्र सक्रांति से शुरू होता है फूलदेई त्यौहार

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फूलदेई प्रकृति को समर्पित  त्यौहार है इसे फूल संग्राद भी कहा जाता है

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अच्छी फ़सल और हिंदू नए वर्ष के स्वागत में मनाया जाता है फूलों का यह त्यौहार

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फूलदेई के दिन छोटे बच्चे गांव के प्रत्येक घर के दहलीज पर लोकगीत गाते हुए फ्योली, आडू, प्यां इत्यादि के फूल डालते हैं 

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बच्चो को प्रत्येक घर से दक्षिणा के रूप में  पैसे, चावल, पकवान इत्यादि मिलते हैं

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फूलदेई में बच्चे मूल रूप से प्रकृति को समर्पित घोंघा देवी की पूजा करते हैं 

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बच्चे घोंघा माता की डोली बनाकर गांव गांव घुमाते हैं

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एक महीने तक चलने वाले फूलदेई त्यौहार के अंतिम दिन प्रत्येक घर से बच्चों को कई उपहार दिए जाते हैं

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फूलदेई छम्मा देई, दैणी द्वार भर भकार - फूलदेई में गाए जाने वाला मुख्य गीत हैं

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